हंम है देश वासी रिठाल गांम के
हरियाणॆ मै गांम सै म्हारा, रहते प्यार से।
नरवाल फौगाट पान्ने दो है, इनके अड्डे न्यारे
नरवाल कथूरा,फौगाट दादरी,बामण घणी दूर तै आरे चीङी तै दलाल, भौर तै नान्दल, जांगङा कलानौर तै आरे सारी जात बसैं इसमें, ये रहते सारे मिल के।
म्हारे गांम के छोरां की एक याहे बात निराली है
बङो का सम्मान करें और मीठी उनकी वाणी है मोङ मै बदमाश पकङ दिये, पुलिश ने हिम्मत जाणी है नशे पते का जिक्र नही वो पढते गोडी ढाल के। म्हारे गांम की धरती पै हंम ऐसे फूल उगावैगें करें देश का नाम जो रौशन जग मैं तिरंगा फहरावैंगे हर क्षेत्र मैं आगै आकै, देश की शान बणावैंगे मुश्किलों से नहीं डरैंगे, रहेंगे सीना तान के। हंम है देश वासी रिठाल गांम के |
Wednesday, March 11, 2009
म्हारा गांम
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