Thursday, November 17, 2011
आलस
सुनो बालको यो आलस एक ऐसा खोटा यारी है,
प्यारा बणकै, बुद्वि नै हरकै, इसनै घण्या की मत मारी है।।
ज्यब किताब हाथ मैं ठावैगा, यो चैगरदै चक्कर काटैगा,
कदे आडा, कदे सीधा, आख्यर मैं तनै लुटावैगा
ज्यब तक नींद नहीं आ ल्यंति, यो करता पहरेदारी है।
सुनो बालको यो आलस एक ऐसा खोटा यारी है,
प्यारा बणकै, बुद्धि नै हरकै, इसनै घण्या की मत मारी है।।
तूं तड़कऐ उठणा चहावै बखत तैं, यो उठण तैं नाटैगा,
दिल करड़ा करकै तूं चहावै घूमणा, यो घूमण तैं नाटैगा,
तेरी वृद्धि कि जड़ काटैगा, यो इसा सर्प विशधारी है।
सुनो बालको यो आलस एक ऐसा खोटा यारी है,
प्यारा बणकै, बुद्धि नै हरकै, इसनै घण्या की मत मारी है।।
जिसनै इसतैं यारी तोड़ी विघावान गुणी बणज्ञ्या
सुबह उठ कै कसरत करकै सेहतमंद बली बणज्ञ्या
सुनो बालको यो आलस एक ऐसा खोटा यारी है,
प्यारा बणकै, बुद्धि नै हरकै, इसनै घण्या की मत मारी है।।
- राजेश कुमार जांगड़ा
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